Monday, April 2, 2012

मुकाम फानी


    लाल किताब में खाना नं0 8 को मुकाम फानी कहा गया है। इस घर के ग्रह ''अदले का बदला'' के असूल पर अपना काम करेंगे। खाना नं08 मंगल का घर और सनीचर का हैड क्वार्टर है।
     अगर खाना नं0 8 में बृहस्पति, सूरज या चन्द्र में से कोई भी अकेला या दो या तीन मुश्तर्का बैठ जावें तो यह खाना न आगे खाना नं0 12 को और न पीछे खाना नं0 2 को देखेगा, बल्कि खाना नं0 8 का ऐसा असर सिर्फ इसी खाने में बन्द हुआ गिना जायेगा। गोया मौत के घर को योगी जंगी जीत लेगा।
     सनीचर, चन्द्र या मंगल अकेले अकेले इस घर में उम्दा मगर जब कोई दो या तीन मुश्तर्का हों तो सनीचर मौतों का भण्डारी, चन्द्र दौलत व सेहत को बर्बाद करने वाला और मंगल में खाना नं0 2-6 का मन्दा असर शामिल या वह मंगल बद हर तरह की लानत का देवता जलता ही होगा। बुध खाना नं0 8 हमेशा मन्दा । मंगल नं0 8 अमूमन् बुरा मगर मंगल बुध मुश्तर्का नं0 8 में उत्तम होंगे, जब तक नं0 2 में सनीचर न हो, वर्ना मंगल बद ही होगा जो मैदाने जंग मे मौत का बहाना खड़ा करेगा।
     खाना नं0 8 की मन्दी हालत खाना नं0 4 मार्फत नं0 2 होगा। जब तक खाना नं0 2 खाली हो तो मन्दी हालत नं0 8 तक महदूद होगी। खाना नं0 11 में अगर खाना नं0 8 के दुश्मन ग्रह हों तो नं0 8 का बुरा असर नं0 2 में न जायेगा।
     मिसाल के तौर पर बालीबुड शहनशाह अमिताभ बच्च्न जी की जन्म कुण्डली:-
                जन्म: 11-10-1942            70वां साल




कुण्डली के खाना न0 8 में चार ग्रह मुश्तर्का। सूरज (राज दरबार), शुक्र (औरत व दौलत), मंगल (सुख दुख) और बुध (तिज़ारत) का मिला जुला असर। ग्रहों का अजीब खेल। ज़िदगी में कोई न कोई सिर दर्दी ही रही। कभी चोट लग गई, कभी माली नुक्सान हो गया तो कभी सेहत खराब हो गई और हस्पताल में भर्ती हो गये। मगर सूरज की मदद और खाना नं0 5 खाली, बचाव होता गया।